Monday, September 23, 2019

हिंदी ही भारत की राजभाषा – क्यों?




     हिंदी हमारी न केवल राजभाषा है बल्कि राष्ट्रभाषा भी है। महात्मा गाँधी ने कहाहैअगर हमारे देश का स्वराज्य अंग्रेजी बोलने वाले कुछ भारतीयों का है तो नि:संदेह अंग्रेजी ही राजभाषा होगी। लेकिन स्वतंत्र देश के करोंड़ों आम जनता के लिए है तो हिंदी ही एक मात्र राजभाषा हो सकती है।

     भाषा संप्रेषण का माध्यम है। विचारों का आदान-प्रदान भाषा के द्वारा ही संभव है। हिन्दी वह भाषा है जिसमें सरकार जनता से पत्र-व्यवहार करती है। 14 सितम्बर 1949 को संविधान में हिंदी को राजभाषा के रूप में अंगीकार किया गया है और उसी दिन सभी राज्यों को यह अधिकार दिया गया कि वह अपने-अपने राज्य की मुख्य भाषा को राजभाषा के रूप में प्रतिष्ठित करे। इस प्रकार हिंदी – केंद्र सरकार की राजभाषा बन गई।


हिंदी राजभाषा बनी क्योंकि...........
·        हमारी शासन प्रणाली गणतंत्रात्मक है इसलिए जनता की भाषा में काम करना ज़रूरी है। भारत की जनगणना के अनुसार भारत की अधिकतर जनता द्वारा हिंदी ही बोली और समझी जाती है। लगभग 78% जनता हिंदी में बोल, समझ, पढ़ और लिख सकती है। उत्तर भारत में हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, दिल्लीआदि की रोज़मर्रा भाषा हिंदी ही है। सरकारी आवश्यकताएं और कानून आदि को समझने और समझाने तथा कार्य करने और कराने के लिए हिंदी की आवश्यकता होती है।
·        हिंदी देश के भिन्न-भिन्न भागों को एक सूत्र में बाँधने का काम करती है। हिंदी एक संपर्क भाषा है। हिंदी के द्वारा जनता अपने देश की नीतियों और प्रशासन को अच्छी तरह समझ सकती है।
·        गणतंत्र देश में सरकार और जनता के बीच भाषा की दीवार नहीं होनी चाहिए। शासन का काम जनता की भाषा में होना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति अपनी भाषा में ही स्पष्टता और सरलता से अपने विचारों को प्रकट कर सकता है।
·        भारत में कई भाषाएं बोली जाती हैं जिनमें से 22 भाषाओं को संविधान में राजभाषा के रूप में मान्यता दी गई है। परंतु, भारत की संविधान सभा के द्वारा राजकाज चलाने तथा केंद्र एवं राज्यों के बीच संपर्क भाषा की भूमिका निभाने का उत्तरदायित्व   हिंदी को ही सौंपा गया क्योंकि यह देश के अधिकांश लोगों द्वारा बोली और समझी जाती है तथा इसके साथ भारत की धार्मिक, सांस्कृतिक और राजनैतिक परम्पराएंभी जुड़ी हुई हैं।
·        हिंदी भाषा की लिपि देवनागरी है। वह हमारे देश की पुरानी भाषा संस्कृत की अपनी लिपी है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343(1) के अनुसार देवनागरी में लिखित हिंदी संघ की राजभाषा है।

·        सरकारी कार्यालयों, उपक्रमों, अधीनस्थ कार्यालयों, मंत्रालयों आदि में पत्र-व्यवहार करने के लिए हिंदी केही उपयोग पर बल दियाजाता है।


गणतंत्र देश में जनता की भाषा को राजभाषा के रूप में प्रतिष्ठित करना किसी भी सरकार का प्रथम कर्तव्य है और उसी से सरकार मज़बू हो सकती है। हिंदीभारत के लगभग सभी प्रांतों में प्रचलित है।

     हिंदी जनसाधारण की भाषा बन गई है। लगभग सौ करोड़ लोगों के बीच में सरल आदान-प्रदान के लिए यदि कोई भाषायी माध्यम है तो वह हिन्दी ही है,सीलिए हिंदी भारत की राजभाषा है।

-    प्रेमा रामकुमार
मुख्य कार्यालय प्रबंधक (नि.स.)
एमएमटीसी लिमिटेड
क्षेत्रीय कार्यालय, चेन्नै








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