Sunday, March 24, 2019

लोक कथा : बाबा साहेब डॉ. आंबेडकर की मूर्ति : प्रस्तुतकर्ता - प्रदीप कुमार चौरसिया

बाबासाहेब डॉ. आंबेडकर की मूर्ति



मुरली  स्कूल आते-जाते  मोड़ पर बने  बाबासाहेब  आंबेडकर की  मूर्ति (Statue) को गौर से देखा करता था।
घर आने पर एक दिन अपने अप्पा से पूछा .....
मुरली - अप्पा, बाबासाहेब के जेब में हमेशा पेन क्यों रहता है?
अप्पा - बहुत अच्छा प्रश्न है, मगने। वो चाहते थे कि सभी  पढ़ें-लिखें। 
            पढ़ाई से हम नई-नई बातें सीखते हैं, जो हमें आगे ले जाती हैं। 
            पेन हमें लिखना-पढ़ना सीखाता है। अपनी बात कहना सीखाता है।
             इसीलिए बाबा साहेब चाहते थे कि सभी के हाथों में पेन हो। 
             उसी पेन से बाबासाहेब ने संविधान लिखा। 
मुरली - अप्पा, मैं भी अपनी जेब में पेन रखूँगा।
            अप्पा, एक प्रश्न और पूछना चाहता हूँ। 
अप्पा - पूछो मगने।
मुरली -  उनके हाथ में कौन-सी किताब है?
अप्पा - बहुत अच्छ प्रश्न है मगने। 
           उनके हाथ में जो किताब है, उसका नाम है - 'भारतीय संविधान (Indian Constitution)' 
            यह संविधान हमें मिलजुलकर (Together) रहना सीखाता है। 
             यह सभी का सम्मान (respect) करने की बात करता है। 
             यह आदमी-आदमी में बराबरी (equality) की बात करता है।
मुरली - अप्पा, एक आखिरी प्रश्न।
अप्पा  - पूछो, मगने।
मुरली - बाबासाहेब, अपनी उंगली क्यों उठाये हुए हैं?
अप्पा - बहुत अच्छा प्रश्न है, मगने। 
             वह उंगली उठाते हुए लोगों से कहते हैं कि हमें ऊँचा उठना चाहिए।
              हम पढ़-लिखकर ऊँचा उठ सकते हैं। ऊँचा उठने के लिए हमें संघर्ष (struggle) करना चाहिए। 
              संघर्ष करके हमें अपने अधिकारों (rights) को प्राप्त करना चाहिए। 
              साथ ही अपने कर्तव्यों (duties) को भी ईमानदारी (Honesty) से निभाना चाहिए। 
 मुरली - जरूर अप्पा, मैं खूब पढ़ूँगा, लिखूँगा और अपना काम ईमानदारी से करूँगा।
अप्पा - जरूर मगने। तुम पर हमें विश्वास है।
प्रस्तुतकर्ता – प्रदीप कुमार चौरसिया
उप प्रबंधक (वित्त व लेखा)
                                                एमएमटीसी लिमिटेड, चेन्नै

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