Monday, September 23, 2019

लोक कथा - सम्राट और बूढ़ा आदमी


सम्राट और बूढ़ा आदमी

जापान के एक सम्राट के पास बीस सुंदर फूलदानियों का एक दुर्लभ संग्रह था। सम्राट को अपने इस निराले संग्रह पर बड़ा अभिमान था। एक बार सम्राट के एक सरदार से अकस्मात एक फूलदानी टूट गई इससे सम्राट को बहुत गुस्सा आया उसने सरदार को फाँसी का आदेश दे दिया। पर एक बूढ़े ब्यक्ति को इस बात का पता चला वह सम्राट के दरबार में हाजिर हुआ। और बोला, "मै टूटी हुई फूलदानी जोड़ लेता हूँ मै उसे इस तरह जोड़ दूगाँ कि वह पहले जैसी दिखाई देगी।" बूढ़े की बात सुनकर सम्राट बड़ा खुश हुआ। उसने बूढ़े को बची हुई फूलदानियो को दिखाते हुए कहा, "ये कुल उन्नीस फूलदानियाँ है। टूटी हुई फूलदानी इसी समूह की है। अगर तुमने टूटी हुई फूलदानी जोड़ दी तो मैं तुम्हे मुँह माँगा इनाम दूँगा।" सम्राट की बात सुनते हुए बूढ़े ने लाठी उठाई और तड़ातड़ सभी फूलदानियाँ तोड़ दी।

यह देखकर सम्राट गुस्से से आग बबूला हो गया। उसने चिल्लाकर कहा, "बेवकूफ तूने यह क्या किया। बूढ़े आदमी ने सहजभाव से उत्तर दिया। महाराज मैंने अपना कर्तव्य निभाया है। इनमे से हर फूलदानी के पीछे एक आदमी की जान जानेवाली थी। मगर आप केवल एक आदमी की जान ले सकते हैं। सिर्फ मेरी!"

बूढ़े आदमी की चतुराई और हिम्मत देखकर सम्राट प्रसन्न हो गया। उसने बूढ़े आदमी और अपने सरदार दोनो को माफ कर दिया।

शिक्षा - बुराई से लड़ने के लिए एक ही साहसी व्यक्ति काफी होता है।

प्रस्तुतकर्ता
मजेला लुईस
लोक कथा - सम्राट और बूढ़ा आदमी

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