एमएमटीसी के राजभाषा हिंदी कार्यान्वयन की एक झलक : राजभाषा हिंदी प्रदर्शिनी
वर्ष 2016-17 के लिए दक्षिण एवं दक्षिण-पश्चिम
क्षेत्र के सरकारी कार्यालयों, बैंकों, उपक्रमों, स्वायत्त निकायों व नगर राजभाषा
कार्यान्वयन समितियों का राजभाषा सम्मेलन विशाखापट्टणम में आयोजित किया गया।
राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड के विशाल, खूबसूरत और हरे-भरे परिसर ने इस सम्मेलन
में चार चाँद लगा दिया। हवाएँ मानों यहाँ विश्राम करती हैं। अकारण नहीं है कि
इस्पात निगम के परिसर में ऑक्सीजन की मात्रा अन्य जगहों की तुलना में अधिक होती
है। आगुंतकों की साँसों में घुलकर ये हवाएँ न सिर्फ तन को बल्कि मन को भी तरोताजा
कर रही थीं। इस ताजगी भरे माहौल में विचारों के आदान-प्रदान का, वर्ष 2017 के 8
दिसंबर का यह दिन वाकई लंबे समय तक यादों में बसा रहेगा।
इस
अवसर पर नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (उपक्रम), विशाखापट्टणम एवं अन्य आयोजकों
द्वारा एमएमटीसी लिमिटेड, क्षेत्रीय कार्यालय, विशाखापट्टणम और इसके दक्षिण
क्षेत्रों के कार्यालयों को राजभाषा हिंदी कार्यान्वयन पर आधारित प्रदर्शिनी लगाने
के लिए आमंत्रित किया गया। एमएमटीसी कार्यालय ने आमंत्रण को सहर्ष स्वीकारते हुए
तैयारी शुरू कर दी, जिसमें सभी प्रभागों के सहयोग को भुलाया नहीं जा सकता है। कहा
जाए तो इस प्रदर्शिनी में राजभाषा प्रभाग के साथ सभी प्रभाग खड़े थे। राजभाषा
हिंदी के प्रति सभी प्रभागों के लगाव एमएमटीसी के राजभाषा हिंदी स्टॉल पर झलक रहे
थे। एमएमटीसी का मानना है कि राजभाषा हिंदी सिर्फ राजभाषा प्रभाग की थाती नहीं है,
यह पूरे देश की थाती है। यह देश के विभिन्न भागों में बसे हरेक नागरिक की सम्पत्ति
है। यह देश के भिन्न-भिन्न भाषा-भाषियों को जोड़ती है। उन्हें एक धागे में पिरोती
है।
कार्मिक, आन्तरिक लेखापरीक्षा, प्रशासन, लेखा, वित्त व लेखा, विधि, लौह,
उर्वरक, साँची, अलौह, एग्रो, सतर्कता, सिस्टम आदि सभी प्रभागों ने राजभाषा हिंदी
में अपने कार्यों के बेहतरीन नमूने मुहैया कराया। इन नमूनों में कार्यालय आदेश,
मानक मसौदे, परिपत्र, निविदा, सूचना, नियम, सामान्य आदेश, करार, प्रमाणपत्र आदि को
प्रदर्शिनी में प्रदर्शित किया गया। राजभाषा नियमों के तहत् हिंदी-अंग्रेजी दोनों
भाषाओं में रखे गये, ये नमूने मुख्य अतिथि और आगुंतकों का ध्यान बरबस अपनी ओर खींच
रहे थे। इन्हीं नमूनों का जादुई असर रहा कि राजभाषा सम्मेलन के मुख्य अतिथि श्री
किरण रिजीजु, केन्द्रीय गृह मंत्री, भारत सरकार और उनके साथ आये अन्य आगुंतक तथा
श्री प्रभाष कुमार झा, सचिव, राजभाषा प्रभाग ने अपेक्षाकृत एमएमटीसी लिमिटेड के
स्टॉल पर अधिक समय देते हुए एमएमटीसी की राजभाषा गतिविधियों को समझते हुए इस पर
चर्चा की।
एमएमटीसी के विभिन्न प्रभागों के हिंदी-अंग्रेजी द्विभाषी नोटिंग और इन नोटिंग्स पर हिंदी में की गई टिप्पणियाँ आगुंतकों को आश्चर्यचकित कर रहे थीं। अधिकांशतः दक्षिण भारतीय भाषा-भाषी अधिकारियों के ये नोटिंग्स और उनकी टिप्पणियाँ आगुंतकों विश्वास दिला रही थीं कि राजभाषा हिंदी के विकास में दक्षिण भारतीयों का अद्भुत योगदान है। पत्राचार किसी भी संस्था और उसके कार्यालय के प्रमुख दस्तावेज होते हैं। पत्राचार के द्वारा दो या दो से अधिक कार्यालयों, कार्यालय प्रमुखों, अधिकारियों, कार्मिकों, यूनियनों के बीच निरंतर संवाद होता है। ये पत्राचार कार्यालय और उसके अधिकारियों के विचारों के वाहक होते हैं। इनमें हिंदी का प्रयोग विचारों के प्रभाव को बढ़ा देते हैं। साथ ही यह पत्राचार को व्यापक जनों से जोड़ देते हैं। एमएमटीसी कार्यालयों के पत्राचार के हिंदी-अंग्रेजी द्विभाषी नमूने आगुंतकों को हैरान कर रहे थे, क्योंकि विचारात्मक होने के कारण पत्राचार में विशेष भाषा योग्यता की आवश्यकता होती है। एमएमटीसी के विभिन्न प्रभागों से किये जानेवाले नियमित पत्राचार जहाँ स्थायी रूप से हिंदी-अंग्रेजी द्विभाषी में होते हैं, वहीं विशेष अवसरों के कार्यलयीन पत्राचार भी हिंदी-अंग्रेजी द्विभाषी में करने की कोशिश की जाती है और इसके लिए प्रेरित की जाती है। धारा 3 (3) के नमूनों सहित इन नोटिंग्स, पत्राचार के इन नमूनों का अवलोकन करते हुए कई कार्यालयों के हिंदी अधिकारियों, अनुवादकों और अन्य कार्मिकों ने इन नमूनों की प्रति उपलब्ध कराने की मांग की। कई लोग इनके फोटों खींचकर साथ ले गयें।
राजभाषा हिंदी को बढ़ावा देने के लिए एमएमटीसी के कार्यालयों की विशेष
गतिविधियाँ आगुंतकों के आकर्षण के केंद्र थीं। कर्मचारियों में राजभाषा हिंदी का
माहौल बनाने के लिए राजभाषा प्रभाग ने विभिन्न तरीके अपनायें। जैसे कि विभिन्न
प्रभागों में कार्य करनेवाले कर्मचारियों के द्वारा प्रयोग किये जानेवाले दैनंदिन
शब्दों, वाक्यांशों, वाक्यों का संकलन करते हुए सहायक साहित्य तैयार किया गया। सॉफ्ट
और हार्ड दोनों रूपों में यह कार्मिकों को उपलब्ध कराया गया। भाषा सीखने के लिए
चारों ओर उसका माहौल होना आवश्यक है। इस चीज को ध्यान में रखते हुए राजभाषा प्रभाग
ने कार्यालय में ‘प्रिंट रिच इन्वॉयरमेंट’ के निर्माण पर जोर देता है। इसके लिए राजभाषा हिंदी में सुन्दर,
प्रेरक पंक्तियों के पोस्टर तैयार करके उसे कार्यालय के सार्वजनिक स्थानों पर
लगाया गया। विचार-बोर्ड के अंतर्गत साप्ताहिक अवधि में प्रसिद्ध कवियों की प्रचलित
पंक्तियाँ बोर्ड पर लिखी जाती हैं। ये पंक्तियाँ अपनी वस्तु और प्रवाह के कारण
लोगों की जुबान पर आसानी से तैरने लग जाती हैं। हरेक कार्यालय में हिंदी के समाचार
पत्र आते हैं, जिसमें समाज, शिक्षा, पर्यावरण, स्त्री-विमर्श, बच्चों आदि से
संबंधित सूचनापरक खबरों के साथ-साथ विचारप्रधान स्तंभ प्रकाशित होते रहते हैं। ऐसे
खबरों-स्तंभों के कतरनों को इकट्ठा करके
साप्ताहिक अवधि में निश्चित स्थान पर कार्यालय में प्रदर्शित किया जाता है। ऐसे
समाचारपत्र के कतरन पढ़ने के लिए कार्मिक उत्साहित होते हैं। इस प्रक्रिया में
भाषा पर उनकी पकड़ स्वतः मजबूत होती जाती है।
एमएमटीसी
का ‘साहित्य सिने मंच’ खासा चर्चा
में रहा। मुख्य अतिथि श्री किरण रिजीजु ने साहित्य सिने मंच के बारे में जानकारी
लेते हुए कहा कि क्या इसमें वृत्तचित्र (डॉक्यूमेंट्री) दिखायी जाती है? उनकी बातों को आगे बढ़ाते हुए कहा गया कि इसमें वृत्तचित्र के साथ-साथ
साहित्य पर आधारित हिंदी फिल्में प्रदर्शित की जाती है तथा उस पर चर्चा आयोजित की
जाती है। प्रेमचंद सहित कई साहित्यकारों की प्रसिद्ध रचनाओं पर हिंदी फिल्में बनाई
गई हैं। ये फिल्म प्रायः सामाजिक, शैक्षिक, विभिन्न विमर्शों पर आधारित होती हैं।
एमएमटीसी के कारपोरेट कार्यालय द्वारा प्रकाशित होनेवाली गृह पत्रिकाएँ ‘मणिकांचन’ और ‘स्पेक्ट्रम’ की सामग्रियों का चयन और इसकी गुणवत्ता पाठकों के लिए पठनीय था। कई
पाठकों ने इनकी प्रतियों की माँग की। कुछ लोग पठन के लिए तो कुछ लोग इसी आधार पर
अपने यहाँ से गृहपत्रिकाओं के प्रकाशन हेतु मणिकांचन की प्रतियों को साथ ले गयें।
स्पेक्ट्रम का ‘राजभाषा विशेषांक’ राजभाषा
अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए बेहद उपयोगी रहा। इन गृह- पत्रिकाओं, पत्रिकाओं,
राजभाषा की बेहतरीन पुस्तकों, धारा 3 (3) के दस्तावेजों, नोटिंग, पत्राचार के
नमूनों और विशेष गतिविधियों से सज्जित एमएमटीसी लिमिटेड, विशाखापट्टणम और दक्षिण
क्षेत्र के कार्यालयों का यह स्टॉल राजभाषा हिंदी कार्यान्वयन प्रदर्शिनी में आये
प्रत्येक आगंतुकों को अपनी ओर खींच रहा था।
डॉ. सौरभ कुमार
उप प्रबंधक (राजभाषा)
एमएमटीसी,क्षे.का. – चेन्नै.
मो. नं. - 9884732842.
मो. नं. - 9884732842.
No comments:
Post a Comment